मम्मी मुझको पढने जाना
जब छुट्टी हो लेने आना
नई ड्रेस हो रंगबिरंगी
देंखे खुश हों साथी संगी
नया नया हो बस्ता प्यारा
ताजा नाश्ता मीठा खारा
छुट्टी हो मिलजुलकर खाएं
खाकर ताजा हो जाएँ
घर आँगन जैसी हो शाला
दादा -दादी सा रखवाला
रंग बिरंगों पन्नों वाली
नीले पीले रंगों वाली
हर किताब का ताना बाना
लगता हो जाना पहचाना
[भोपाल:०६.०४.०९]
Friday, April 10, 2009
Wednesday, April 8, 2009
पढ़ना लिखना भारी बस्ता
होमवर्क करते थक जाना
जैसे जहाँ बहीं सो जाना
आनन फानन तड़के उठना
उठते उठते आँखें मलना
बस्ता टिफिन साथ ले चलना
दिनभर शाला में फ़िर खटना
सर पर भूत पढ़ाई चढ़ना
अनचाहा सर माथे मढ़ना
हम बच्चों की हालत खस्ता
पढना लिखना भारी बस्ता
[भोपाल:०९ .०४ .०९]
जैसे जहाँ बहीं सो जाना
आनन फानन तड़के उठना
उठते उठते आँखें मलना
बस्ता टिफिन साथ ले चलना
दिनभर शाला में फ़िर खटना
सर पर भूत पढ़ाई चढ़ना
अनचाहा सर माथे मढ़ना
हम बच्चों की हालत खस्ता
पढना लिखना भारी बस्ता
[भोपाल:०९ .०४ .०९]
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