Friday, April 10, 2009

मांगें

मम्मी मुझको पढने जाना
जब छुट्टी हो लेने आना
नई ड्रेस हो रंगबिरंगी
देंखे खुश हों साथी संगी
नया नया हो बस्ता प्यारा
ताजा नाश्ता मीठा खारा
छुट्टी हो मिलजुलकर खाएं
खाकर ताजा हो जाएँ
घर आँगन जैसी हो शाला
दादा -दादी सा रखवाला
रंग बिरंगों पन्नों वाली
नीले पीले रंगों वाली
हर किताब का ताना बाना
लगता हो जाना पहचाना
[भोपाल:०६.०४.०९]

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