Thursday, February 19, 2009

दादी माँ का चश्मा

एक ओर का हैंडल टूटा
कांच दूसरा आधा फूटा
घूरघूर सब ओर देखती
रंगों के सब भेद परखती
पूंछो तो झटपट बतलाती
पलपल माला जपती जाती
लाल गुलाब लाल बत्ती का
हरा बबूल नीम पत्ती का
पीला रंग है सरसों का
नीला बच्चों के बस्तों का
[भोपाल:०९.०७ ०९ ]

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