बचपन बडा सुहाना
भूख लगे मां दूध पिला दे
निदियाँ आए दूध पिला दे
रोली गा दे मीठी-मीठी
कथा-कहानी छोटी-मोटी
माँ का रोज़ सुनाना
पापाजी ज्यों घर आयें
ढेरो सारी खुशिया लायें
टॉफी बिस्कुट खेल खिलौना
बाग़-बगीचा सैर काराना
चलता नहीं बहाना
[भरूच:०६.१०.०९]
जाऊँ
ool न जाऊँ
[ भरूच - नीरजा a : ०६/१०/०८]
Monday, October 13, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment