आसमान में कितने तारे
गिन गिन सब वैज्ञानिक हारे
चंदा जब बिखरा दे चांदीं
दोनों हाथ बटोरे तारे
धरती माँ को चैन नहीं है
थमती वो दिन रैन नहीं है
सूरज भैया हिलेडुलें ना
तिल भर इसमें झूठ नहीं है
तारामंडल के घर आंगन
बैठो आँख खोल लाखन
सौर मंडली क्रिया-कलाप
नाच उठेंगे आनन् फानन
[बरोदा रेलवे स्टेशन :११.०६.
Wednesday, July 23, 2008
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