रूप सलोना
अजब खिलौना
आते ही घर
गोद में चढ़ना
नाचे अँगना
गोद उतरना
घुटनों चलना
जो मिल जाए
मुंह में धरना
और मचलना
हँसना पल में
रोते रोते
सोना पल में
सुख का सपना
[[भरूच:नीरजा :१९.०६.०८]
Wednesday, July 23, 2008
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