Friday, March 20, 2009

गौरेया

घर आँगन में गौरैया

दाना चुगने आती

सब बच्च्चे जब शोर मचाते

फुर फुर फुर उड़ जाती

मगर दूसरे दिन आकर

चीं चीं चीं चीं गाती

बच्चों का जी बहलाकर

दाना ले उड़ जाती

चुनिया मुनिया खुश होते

अपने बच्चे लाती

फुदक फुदक घर आँगन में

परिचय फ़िर करबाती

दायें बाएँ आँख तिरेरे

कुछ कुछ कुछ समझाती

जब देखो तब चीं चीं में सब कुछ ही कह जाती

[भरूच:१२.०३.०९]

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