Tuesday, May 5, 2009

मैदान

लंबा चौड़ा हो मैदान
खेल कूद का हो सामान
मिलजुल हम सब खेलें खेल
खेल भावना का हो मेल
आगे चलकर हम सब बच्चे
बने खिलाड़ी सबसे अच्छे
फिर हों हम सब बल्लेबाज
हो दुनिया को मह पर नाज
छक्कों की जब हो भरमार
विश्व कपों से जोडें तार
ध्यानचन्द्र बिंद्रा सा काम
कपिल सानिया सा हो नाम
देश बिदेशी हो मैदान
रहे तिरंगे की बस शान
[भोपाल:०५.०५.०९]

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