एकबार आती है होली
खुशियों से भर लाती झोली
गली गली में होली मनती
कली कली हर मन की खिलती
उड़े गुलाल नाचे पिचकारी
सराबोर है दुनिया सारी
वन उपवन सब क्यारी क्यारी
नाचते बजा बजा कर तारी
दादा दादी पापा मम्मी
सबसे खुश हैं पप्पू निम्मी
[भरूच:नीरजा .११.०३.०९]
Sunday, May 3, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment