Tuesday, July 21, 2009

पढ्ने जाना

मम्मी मुझको पढ़ने जाना
जब छुट्टी हो लेने आना
नई ड्रेस हो रंग बिरंगी
देखें खुश हों संगी साथी
नया नया हो मेरा बस्ता
मेरा ताजा नाश्ता खस्ता
छुट्टी हो मिलजुलकर खाएँ
खाकर के ताज़ा हों जाएँ
घर आँगन जैसी हो शाला
दादा दादी सा रखवाला
रंग बिरंगे पन्नों वाली
हर किताब का ताना बाना
लगता हो जाना पहचाना
[भोपाल:०६.०९.०८]

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