Sunday, October 18, 2009

कलम

मेरी प्यारी कलम
सबसे न्यारी कलम
आँख खोलकर चले
जीते पारी कलम
सोच सोच कर रखे
लिखना जारी कलम
लीक छोड़ कर चले
हंसती गाती कलम
रचे नया इतिहास
सोने जैसी कलम
[नागपुर :२६.०२.०९]


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